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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2635
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन

प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।

अथवा
वर्तमान समय में राष्ट्रीय हितों के क्रियान्वयन के लिए युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।

उत्तर -

अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में राष्ट्रीय नीति के एक साधन के रूप में युद्ध का प्रयोग अति प्राचीन काल से चला आ रहा है। भारत के महान राजनीतिक विचारक आचार्य कौटिल्य ने भी अपने ग्रन्थ अर्थशास्त्र में परस्पर सम्बन्धों के संचालन में दण्ड (युद्ध) को अन्तिम साधन बताया है। मानव सभ्यता के इतिहास मे अनेक राज्यों के उत्थान और पतन के पीछे युद्धों की भूमिका सदैव ही निर्णायक रही है।

राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में राष्ट्रीय हितों के क्रियान्वयन के लिए युद्धों की भूमिका और उसके महत्व तथा उपयोगिता को अच्छी तरह से समझने के लिए राजनीति की उत्पत्ति, प्रकृति और उसके तत्वों पर दृष्टिपात करना आवश्यक है। एक समान आवश्यकताओं और इच्छाओं की पूर्ति के लिए मानव समाज के विभिन्न संगठित समूहों के प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धा का उदय हुआ। ऐसी स्थिति में विभिन्न समुदायों ने अपनी आवश्यकताओं की अधिकतम प्राप्ति हेतु कुछ विशेष नीतियों का सृजन और संचालन प्रारम्भ किया। इसीलिये प्रसिद्ध विचारक क्विंसी राइट ने 'राजनीति को ऐसी कला बताया है, जिससे प्रत्येक समूह दूसरे समूह पर नियन्त्रण स्थापित कर अपने हितों को प्राप्त करने के लिए या आगे बढ़ने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।' इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप राजनीति में झगड़े और विवाद उत्पन्न होते हैं। इन्हीं झगड़ों और विवादों का निपटारा जब शान्तिपूर्ण विधियों से नहीं हो पाता है तो अन्ततोगत्वा समूह विशेष दूसरे के विरुद्ध शक्ति प्रयोग या बल प्रयोग का सहारा लेता है, जिसकी परिणति युद्ध और हिंसा के रूप में होती है।

राजनीति की इस आधारभूत धारणा को जब अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो स्पष्ट होता है कि अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति की इकाई राष्ट्र होते है और राष्ट्रों की आवश्यकताओं को 'राष्ट्रीय हितों को प्राप्त करने के लिये क्रियान्वित करने के लिए शक्ति की आवश्यकता पड़ती है, जिसे हम राष्ट्रीय शक्ति कहते हैं। चूंकि प्रत्येक राष्ट्र अपने हितों की प्राप्ति के लिए दूसरे राष्ट्र की नीतियों और कार्यों पर नियन्त्रण स्थापित करने का प्रयास करता है। उसके इसी प्रयासों के कारण राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा और रक्षा सम्बन्धी समस्याओं का जन्म होता है और इन्ही समस्याओं के निदान के लिए प्रत्येक राष्ट्र को राष्ट्रीय शक्ति के विभिन्न साधनों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होती है, जिसका एक महत्वपूर्ण साधन सैनिक शक्ति होता है।

19वीं शताब्दी मे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए नवीन अविष्कारों ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव डाला। इसके साथ ही युद्ध के साधन आयुधों के क्षेत्र में अनेक परिवर्तन हुए। इन परिवर्तनों से राष्ट्र अपने हितों की सिद्धि के लिए युद्ध का सहारा लेने की प्रवृत्ति में भी वृद्धि हुई।

ई. एच. कार का मानना है कि अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति की पृष्ठभूमि मे युद्ध की सम्भावना सदैव विद्यमान रहती है। इसी कारण अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में सैनिक शक्ति का इतना अधिक महत्व है कि बल प्रयोग को अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता हैं राष्ट्र की प्रत्येक गतिविधि युद्ध से जुड़ी होती है, जिसे वह अवांछित तो समझता है, परन्तु साथ ही उसे अपने हितों की सिद्धि का अन्तिम साधन मानकर चलता है।

वर्तमान समय में युद्ध और युद्ध के साधन नवीन आयुधों के निर्माण और प्राप्त करने की कोशिशें बहुत ज्यादा बढ़ गई है। युद्ध में में प्रयुक्त आयुधों की विध्वंसक क्षमता से होने वाले विनाश और उसके उपरान्त पुनः निर्माण पर होने वाले व्यय किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करें सकता है। ऐसी स्थिति मे राष्ट्रीय नीति निर्माताओं के लिए यह फैसला करना कठिन हो गया है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए बल प्रयोग (युद्ध) किया जाय कि नहीं। यदि बल प्रयोग करे तो अन्त में परमाणु युद्ध या विश्व युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिससे सब कुछ नष्ट होने का खतरा पैदा हो सकता है। यदि बल प्रयोग न करे तो हो सकता है कि उसे कमजोर समझने लगे। अतः युद्ध का राष्ट्रीय हित के साधन के रूप में प्रयोग करने या न करने की दुविधा मुख्यत: परमाणु आयुधों के निर्माण और प्रसार तथा युद्ध की बढ़ती कीमत के कारण पैदा हुई है।

1945 से पूर्व युद्ध अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति मे राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए मुख्य साधन थे, परन्तु वर्तमान मे इसका महत्व, प्रभाव और भूमिका तथा उपयोगिता काफी सीमित हो गई है। अब राष्ट्र अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए युद्ध का प्रयोग कम होने की सम्भावनाएं दिखायी देने लगी है तथा राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा का दायित्व अब सिर्फ सैन्य शक्ति पर निर्भर नहीं रह गया है, बल्कि आर्थिक विकास और समृद्धि, तकनीकी प्रगति, जनता में आर्थिक विकास का समान स्तर, शिक्षा और निरन्तर प्रगति आदि आयामों द्वारा ज्यादा प्रभावित होने लगा है। अतः राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता तथा महत्व समाप्त भले ही न हुई हो, परन्तु काफी सीमित हो गया है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
  3. प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  4. प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  5. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  7. प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
  8. प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
  9. प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
  10. प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
  14. प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
  15. प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
  19. प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
  20. प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
  21. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
  22. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
  23. प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
  25. प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
  27. प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
  29. प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
  35. प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
  40. प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
  41. प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  43. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
  47. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  48. प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  59. प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
  61. प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
  65. प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
  66. प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
  68. प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
  69. प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
  70. प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
  71. प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
  72. प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
  73. प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
  74. प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
  76. प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
  77. प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
  78. प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
  80. प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
  81. प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
  82. प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  83. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  85. प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
  86. प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
  87. प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
  89. प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
  91. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  92. प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
  93. प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
  94. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  95. प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
  96. प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।

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